SHREE KUBERRAJ GAU SEVA SANSTHA
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
श्री कुबेर राज गौ सेवा संगठन, जो गौ (गाय) के सानिध्य में काम करने वाला एक सामाजिक संगठन है, संगठन सात वर्ष पहले गौघात और मृत गायो के शवो के अंतिम संस्कार के उद्देष्य से शुरुआत की गई।
गौ माता की सुरक्षा के लिए
हमें कॉल करें
call : 7879479886

सर्वश्रेष्ठ /सबसे ऊंचा स्थान |

धन के देवता/धन के सेनापति/धन के रक्षक |

रहस्य मुक्ति मार्ग का अर्थ एवं किसी शब्द या किसी की खोज |

करुणा, दया, ममता, धर्म, का भाव प्रकट करने वाली इस मानव समाज को मार्गदर्शन करने वाली, एवं अपने दूध, निरा, गोबर, से हर एक मानव के दुःख व पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाली गौ माता है।

सेवा कार्य ही इस संसार में सर्वप्रथम है। यह पंच तत्व और प्रकृति की सेवा जनकल्याण के लिए उचित है। गौ माता इस प्राकृति की मूल हैं और उनकी सेवा करना उचित है। इसलिए, हम सभी मानव समाज को आभार व्यक्त करके उनकी सेवा करने की दिशा में प्रेरित होना चाहिए। गौ माता का आश्रय लेना और उनके लिए समर्पित तन, मन, धन से सहायता करना और उनकी सुरक्षा करना ही सर्वप्रथम सनातन धर्म की सिखायत करता है।

संगठन में शक्ति होती है। अपनी एकता का परिचय देकर और आसगठित लोगों को जोड़कर संगठित करने के लिए उन्हें उचित मार्गदर्शन करना और उनकी शक्ति का प्रयोग राष्ट्र निर्माण और धर्म की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
न्यायागतेन द्र्व्येण कर्तव्यं पारलौकिकम् । दानं हि विधिना देयं काले पात्रे गुणान्विते ॥
न्यायपूर्ण मिले हुए धन से, पारलौकिक कर्तव्य करना चाहिए । दान विधिपूर्वक, गुणवान मनुष्य को, सही समयपर देना चाहिए ।

संस्था के संस्थापक
श्री तेजू बाबा
श्री कुबेर राज गौ सेवा संगठन के संस्थापक और संस्था अध्यक्ष, श्री तेजू बाबा, एक उदार आत्मा हैं जो गौ माता की सेवा और रक्षा में समर्पित हैं। उन्होंने संस्था की स्थापना 7 वर्ष पहले की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य गायों के ऊपर हो रहे चमड़ी के व्यापार को रोकना एवं मृत बेसहारा गायों का अंतिम संस्कार करना है।
श्री तेजू बाबा का मानना है कि गाय सनातन धर्म में माता के समान उपाधि पर विराजित हैं, और इसलिए उनकी मृत्यु के बाद उन्हें भी पंचतत्वों में मिला कर सम्मानित किया जाना चाहिए। संस्था ने गौ माता की मृत्यु के बाद उनके शव को जंगलों में खुला फेंकने के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल की है, और उनके अंतिम संस्कार को सम्मानपूर्वक करने का कार्य कर रहे हे।

shree kuberraj Gau seva
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
shree kuberraj Gau seva
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
shreekuberrajgausevasangathan.org.in
work in prosess
"गौ सेवा से जुड़कर धर्म, संस्कृति, और प्रेम की ऊँचाइयों को छूने का अद्वितीय संकल्प।
श्री कुबेर राज गौ सेवा संगठन मध्यप्रदेश की गौ शाला में निराश्रित गायों और बैलों को आश्रय देता है, जिन्हें ज्यादातर उनके मालिकों द्वारा छोड़ दिया जाता है। आप इन गौवंशों को अपना सकते हैं और उन्हें एक खुशहाल दूसरी जिंदगी दे सकते हैं।
Latest Projects
Problem displaying Facebook posts. Backup cache in use.
Click to show error
हमारे मार्ग दर्शक
हमारी संस्था को दानदाताओ द्धारा दिया गया दान पर
80G के अंतर्गत दान देने पर आयकर रिटर्न में छूट प्राप्त होगी
अगर कोई कंपनी या रियल एस्टेट एसोसिएशन CSR के माध्यम से दान देते हैं, तो उन्हें भी 80G के अंतर्गत छूट मिलती है
संस्था को भौतिक सामग्री, चल सामग्री, वाहन, पशु भोजन, पशु वोषाधि आदि की सीधी दान की जा सकती है।संस्था में आपकी सेवाओं का स्वागत है अगर आप स्वैच्छिक कार्यकर्ता के रूप में समर्पित होना चाहते हैं। आपकी बहुमूल्य सेवाओं का संस्था में स्वागत है
हमारी संस्था नियमित रूप से मासिक कार्यक्रम आयोजित करती है जैसे पूर्णिमा, एकादशी, धार्मिक दिन आदि जेसे जन्मदिवस वेवाहिक वर्षगांठ, पूर्वजों की पुण्य तिथियाँ । इसके अलावा, अपने पालको के अंतिम विधान अवसर पर भी गौ सेवा संकल्प लेकर संस्था को दान कर सकते हैं।
"गौ माता की सेवा में दान करें, समृद्धि और सांस्कृतिक विकास का हिस्सा बनें।" दान करे
चिड़िया भर गई चोंच नदी घटे न नीर,
दान किए गए धन न घटे, कह गए दास कबीर।।

उपर्युक्त “गवोपनिषद्” में से दैनिक जप के संस्कृत मन्त्र
घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः। घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे॥ घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्। घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम्॥ गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च। गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम्॥
घी और दूध देने वाली, घी की उत्पत्ति का स्थान, घी को प्रकट करने वाली, घी की नदी तथा घी की भंवर रूप गौएं मेरे घर में सदा निवास करें। गौ का घी मेरे हृदय में सदा स्थित रहे। घी मेरी नाभि में प्रतिष्ठित हो। घी मेरे सम्पूर्ण अंगों में व्याप्त रहे और घी मेरे मन में स्थित हो। गौएं मेरे आगे रहें। गौएं मेरे पीछे भी रहें। गौएं मेरे चारों ओर रहें और मैं गौओं के बीच में निवास करूं

गौमाता की दैनिक प्रार्थना का मन्त्र (महर्षि वसिष्ठ द्वारा उपदिष्ट)
सुरूपा बहुरूपाश्च विश्वरूपाश्च मातरः। गावो मामुपतिष्ठन्तामिति नित्यं प्रकीर्तयेत्॥
अनुवाद = प्रतिदिन यह प्रार्थना करनी चाहिये कि सुन्दर एवं अनेक प्रकार के रूप-रंग वाली विश्वरूपिणी गोमाताएं सदा मेरे निकट आयें

गोमाता को परमात्मा का साक्षात् विग्रह जान कर उनको प्रणाम करने का मन्त्र (महर्षि वसिष्ठ द्वारा उपदिष्ट) –
यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत् स्थावरजङ्गमम्। तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥
अनुवाद = जिसने समस्त चराचर जगत् को व्याप्त कर रखा है, उस भूत और भविष्य की जननी गौ माता को मैं मस्तक झुका कर प्रणाम करता हूं॥
गौ माता श्लोक

महर्षि वसिष्ठ द्वारा उपदिष्ट
यद्ददाति यदश्नाति तदेव धनिनो धनम् । अन्ये मृतस्य क्रीडन्ति दारैरपि धनैरपि ॥
धनिक का सच्चा धन तो वही है जो वह (दान) देता है और जो (स्वयं) भोगता है । अन्यथा मरणांतर तो, उसकी स्त्री और धन का उपभोग बाकी के लोग ही करते हैं ।

महर्षि वसिष्ठ द्वारा उपदिष्ट
दानेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते । इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः ॥
दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से ही सुख मिलता है । इस लोक और परलोक में इन्सान दान से ही पूज्य बनता है ।
Donate us
"गौ सेवा का संकल्प: समृद्धि का मार्ग धर्म से होता है।"
श्री कुबेर राज गौ सेवा संगठन, जो गौ (गाय) के सानिध्य में काम करने वाला एक सामाजिक संगठन है, संगठन सात वर्ष पहले गौघात और मृत गायो के शवो के अंतिम संस्कार के उद्देष्य से शुरुआत की गई ।
Shree kuberraj gau seva Sangathan
गौ माता की सेवा करने या हमसे जुड़ने के लिए संपर्क करे
- 8839663728, 7879479886
- shreekuberrajgousevasangathan@gmail.com
- Shri Kuber Raj Gau Seva Sangathan, Madhya Pradesh Head Office, Ujjain
shree kuberraj gau seva sangathan
our projects

kuber temple
महाकालेश्वर मंदिर और ओम कारेश्वर मंदिर के मध्य यह मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे विशाल मंदिर माना जावेगा ।

Hightech Gaushala
आधुनिक और सुरक्षित गौ संरक्षण की दिशा में यहां गायों को उच्च स्तरीय देखभाल और आरोग्य सुनिश्चित की
जाएगी ताकि वे समृद्धि से भरपूर और स्वस्थ रह सकें।

Gau dhyaan kendr
यहाँ पूर्ण प्राकृतिक माहोल के साथ शांत वातावर्ण होगा, जहा ध्यान के लिए उत्तम व्यवस्था दी जाएगी ।













